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Daily Current Affairs: 27 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...

मिशन मौसम': भारत के विकास में एक नई दिशा

 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय मौसम विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस पर 'मिशन मौसम' की शुरुआत भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल न केवल मौसम विज्ञान के क्षेत्र में देश को मजबूत बनाएगी, बल्कि इसका व्यापक प्रभाव कृषि, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण जैसे कई क्षेत्रों पर पड़ेगा।

मिशन की आवश्यकता क्यों?

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग 60% आबादी खेती पर निर्भर है। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में हो रहे तीव्र बदलाव किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। समय पर और सटीक मौसम पूर्वानुमान की कमी से फसल उत्पादन में नुकसान और आपदाओं में वृद्धि देखी गई है। 'मिशन मौसम' इस कमी को पूरा करने और समाज को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम है।

तकनीकी विकास की ओर कदम

'मिशन मौसम' का उद्देश्य आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक अनुसंधान का उपयोग कर मौसम विज्ञान को उन्नत बनाना है। इसमें उपग्रह आधारित डेटा संग्रह, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और मशीन लर्निंग जैसे तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल होगा। यह न केवल पूर्वानुमान को सटीक बनाएगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन पर निगरानी के लिए भी उपयोगी होगा।

कृषि और आपदा प्रबंधन पर प्रभाव

किसानों के लिए समय पर मौसम की जानकारी सुनहरे अवसर जैसी है। बुवाई, सिंचाई और फसल कटाई के लिए सही समय जानने में यह मिशन मददगार होगा। इसके अलावा, चक्रवात, बाढ़, और सूखे जैसी आपदाओं से पहले अलर्ट जारी करने में इस मिशन की भूमिका अहम होगी। यह आपदा प्रबंधन की प्रक्रिया को कुशल बनाएगा और जीवन तथा संपत्ति की हानि को कम करेगा।

वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ता भारत

'मिशन मौसम' भारत को मौसम विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने में सक्षम बना सकता है। यह पहल जलवायु संकट से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और दुनिया को यह संदेश देती है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ संभव है।

चुनौतियां और संभावनाएं

हालांकि, इस मिशन के सामने कई चुनौतियां भी होंगी। तकनीकी संसाधनों का विस्तार, प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी, और वित्तीय समर्थन जैसी बाधाओं का समाधान करना होगा। फिर भी, यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो यह मिशन न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगा।

निष्कर्ष

'मिशन मौसम' प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच का प्रतीक है। यह पहल भारत को मौसम विज्ञान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह न केवल वर्तमान पीढ़ी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सुरक्षित और स्थिर भविष्य सुनिश्चित करने में सहायक होगा।


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✍️ARVIND SINGH PK REWA

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