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Daily Current Affairs: 27 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...

ग्रामीण गरीबी में कमी: विकास की ओर एक सकारात्मक कदम

भारत में ग्रामीण गरीबी: उपलब्धियां, चुनौतियाँ और आगे की राह

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है। वर्षों से ग्रामीण भारत में गरीबी एक गंभीर समस्या रही है, जिसने न केवल आर्थिक विषमता को बढ़ाया, बल्कि सामाजिक विकास की गति को भी धीमा किया। हालांकि हाल के वर्षों में स्थिति में व्यापक सुधार देखने को मिला है। नीति आयोग की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत की ग्रामीण गरीबी दर 2023-24 में घटकर केवल 4.86% रह गई है, जो कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा सकती है। यह न केवल योजनाओं के सटीक क्रियान्वयन को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि सरकार की नीतियाँ अब परिणाम देने लगी हैं।


प्रमुख कारक जो ग्रामीण गरीबी में कमी के लिए जिम्मेदार हैं

1. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली की भूमिका

DBT प्रणाली ने सरकारी योजनाओं को पारदर्शिता और सटीकता के साथ अंतिम लाभार्थियों तक पहुँचाने में क्रांति ला दी है। जनधन योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN), उज्ज्वला योजना, स्वनिधि योजना जैसी कई योजनाओं के तहत लाभार्थियों को सीधा नकद स्थानांतरण (Direct Cash Transfer) किया जा रहा है। इससे बिचौलियों की भूमिका कम हुई है और लाभार्थियों को समय पर आर्थिक सहायता मिल रही है।

उदाहरण: PM-KISAN योजना के अंतर्गत लगभग 11 करोड़ किसानों को ₹6000 सालाना सीधे उनके खातों में भेजे जा रहे हैं (स्रोत: pmkisan.gov.in)।

2. ग्रामीण बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, स्वच्छ पानी और इंटरनेट जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास ने आर्थिक गतिविधियों को गति दी है।

  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत लाखों किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई गईं।
  • सौभाग्य योजना ने करोड़ों घरों को बिजली से जोड़ा (स्रोत: saubhagya.gov.in)।
  • हर घर जल योजना और स्वच्छ भारत मिशन ने स्वच्छता और स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार लाया।

इन पहलों से ग्रामीण जीवनस्तर में सुधार हुआ है और लोगों को आर्थिक अवसरों तक बेहतर पहुँच मिली है।

3. मनरेगा: रोजगार की गारंटी और आय सुरक्षा

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) ग्रामीण गरीबों के लिए एक सुरक्षा जाल बनकर उभरा है। यह योजना प्रत्येक ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिन का रोजगार गारंटी प्रदान करती है।

2023-24 में, लगभग 6 करोड़ परिवारों को इस योजना के तहत रोजगार मिला (स्रोत: nrega.nic.in)। इससे न केवल बेरोजगारी घटी है बल्कि लोगों की आय में भी स्थायित्व आया है।

4. कृषि सुधार और किसानों की आय में वृद्धि

सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि, फसल बीमा योजना (PMFBY), किसान क्रेडिट कार्ड जैसी पहलों से किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिली है।

कृषि निर्यात में भी वृद्धि हुई है, जिससे किसानों को वैश्विक बाजारों से जुड़ने का अवसर मिला है। इसके अतिरिक्त, जैविक खेती और प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने से उत्पादन लागत कम हुई है और मुनाफा बढ़ा है।


परिणामस्वरूप बदलाव

ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी दर में कमी का असर केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है। यह सामाजिक और आर्थिक दोनों ही स्तरों पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है:

  • उपभोग व्यय में वृद्धि: NSSO के अनुसार ग्रामीण उपभोग व्यय में पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे ग्रामीण बाजारों में मांग बढ़ी है और छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा मिला है।
  • शहरी-ग्रामीण विषमता में कमी: जब ग्रामीण क्षेत्रों में आय और जीवनस्तर में सुधार होता है, तो यह शहरी क्षेत्रों पर निर्भरता कम करता है और प्रवास को नियंत्रित करता है।
  • सामाजिक समावेशन: शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सुधार हुआ है, जिससे समावेशी विकास की नींव मजबूत हो रही है।

अब भी बनी हुई हैं कुछ चुनौतियाँ

1. गरीबी मापने के मानदंडों की आलोचना

भारत में अभी भी गरीबी को मापने के लिए तेंडुलकर समिति की सिफारिशों को आधार बनाया जाता है, जिसे कई विशेषज्ञ अधूरा मानते हैं।

  • तेंडुलकर पद्धति केवल न्यूनतम कैलोरी खपत और बुनियादी आवश्यकताओं पर आधारित है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और जीवन की गुणवत्ता जैसे पहलुओं की अनदेखी होती है।
  • नीति आयोग और NITI Aayog जैसे संस्थानों को Multidimensional Poverty Index (MPI) जैसी आधुनिक विधियों को अपनाने की जरूरत है, जो समग्र दृष्टिकोण प्रदान करें।

2. शिक्षा और स्वास्थ्य की असमानता

ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई जगहों पर गुणवत्तापूर्ण स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों की कमी है।

  • डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात ग्रामीण क्षेत्रों में चिंताजनक है।
  • ASER रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी स्कूलों में अभी भी बच्चों की बुनियादी गणित और भाषा कौशल में सुधार की आवश्यकता है।

3. क्षेत्रीय विषमता

कुछ राज्य जैसे बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ आदि में गरीबी की दर अन्य राज्यों की तुलना में अभी भी अधिक है।

  • इन राज्यों में विकास की गति धीमी है और योजनाओं का क्रियान्वयन अपेक्षित स्तर पर नहीं हो पाता।
  • क्षेत्रीय नीतियाँ और "One-size-fits-all" रणनीति की जगह राज्य-विशिष्ट योजनाएं बनाना अधिक उपयोगी हो सकता है।

निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भारत की ओर

ग्रामीण गरीबी में आई यह ऐतिहासिक कमी केवल एक सरकारी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उस सोच की जीत है, जिसमें हर नागरिक को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

सरकार को चाहिए कि वह इन सफलताओं को स्थायित्व प्रदान करे, योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया को और मज़बूत बनाए, और सामाजिक क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता दे।

"समावेशी विकास" केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक वास्तविकता बनता जा रहा है – जिसमें भारत का हर गांव, हर किसान और हर परिवार आत्मनिर्भरता और समृद्धि की ओर बढ़ रहा है।


संदर्भ (References)

  1. नीति आयोग (NITI Aayog) रिपोर्ट 2024
  2. PM-KISAN योजना आधिकारिक पोर्टल: pmkisan.gov.in
  3. MGNREGA डेटा: nrega.nic.in
  4. सौभाग्य योजना: saubhagya.gov.in
  5. ASER रिपोर्ट 2023
  6. NSSO रिपोर्ट – उपभोग व्यय 2023
  7. Multidimensional Poverty Index – UNDP 2023


UPSC Mains – GS Paper 2 और 3 के लिए संभावित प्रश्न

GS Paper 2: Governance, Welfare Schemes, Social Justice

  1. "ग्रामीण गरीबी में हालिया गिरावट भारत सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की सफलता का संकेत देती है।" इस कथन की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।

  2. भारत में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने में कैसे योगदान दिया है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

  3. मनरेगा योजना ने ग्रामीण रोजगार और गरीबी उन्मूलन में कैसी भूमिका निभाई है? इसके क्रियान्वयन से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।

  4. "गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी भारत में गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को प्रभावित कर रही है।" इस कथन के संदर्भ में भारत की सामाजिक असमानता पर विचार कीजिए।

  5. भारत में क्षेत्रीय असमानता गरीबी के वितरण को किस प्रकार प्रभावित करती है? नीति निर्माताओं को इस दिशा में किन प्रयासों की आवश्यकता है?


GS Paper 3: Indian Economy, Inclusive Growth, Agriculture

  1. "भारत में ग्रामीण गरीबी में कमी समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।" समावेशी विकास के संदर्भ में चर्चा कीजिए।

  2. ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास ने किस प्रकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

  3. कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय में वृद्धि के प्रयासों की समीक्षा कीजिए। क्या ये प्रयास पर्याप्त हैं?

  4. भारत में गरीबी मापन के वर्तमान मानकों की आलोचना कीजिए। एक अधिक समावेशी और आधुनिक पद्धति की आवश्यकता पर तर्क दीजिए।

  5. "Multidimensional Poverty Index (MPI) भारत में गरीबी मापन की नई दिशा प्रस्तुत करता है।" MPI के दृष्टिकोण और उपयोगिता पर प्रकाश डालिए।


UPSC Prelims – संभावित वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs)

  1. निम्नलिखित में से कौन-सी योजना प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के अंतर्गत आती है?
    A. मनरेगा
    B. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
    C. उज्ज्वला योजना
    D. हर घर जल योजना
    उत्तर: C

  2. मनरेगा योजना ग्रामीण परिवारों को प्रति वर्ष कितने दिनों के रोजगार की गारंटी प्रदान करती है?
    A. 100 दिन
    B. 150 दिन
    C. 200 दिन
    D. 75 दिन
    उत्तर: A

  3. नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में भारत में ग्रामीण गरीबी दर कितनी रही?
    A. 6.45%
    B. 5.32%
    C. 4.86%
    D. 3.98%
    उत्तर: C

  4. निम्न में से कौन-सी योजना ग्रामीण बिजलीकरण से संबंधित है?
    A. जनधन योजना
    B. सौभाग्य योजना
    C. उज्ज्वला योजना
    D. आरोग्य भारत योजना
    उत्तर: B

  5. तेंडुलकर समिति किससे संबंधित है?
    A. शिक्षा सुधार
    B. कृषि बीमा
    C. गरीबी मापन
    D. स्वास्थ्य नीति
    उत्तर: C




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