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UPSC Current Affairs: 28 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 28 अप्रैल 2025 1-जल की राजनीति: उरी से झेलम तक बढ़ती रणनीतिकता प्रारंभिक टिप्पणी भारत द्वारा हाल ही में उरी जलविद्युत परियोजना के गेट खोलने और उसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में झेलम नदी का जलस्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ने की घटना ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संबंधों में जल प्रबंधन के रणनीतिक आयामों को प्रमुखता से सामने ला दिया है। इस घटना ने न केवल भौगोलिक और पर्यावरणीय चिंताओं को जन्म दिया है, बल्कि एक गहरे भू-राजनीतिक संदेश का संकेत भी दिया है। घटना का संदर्भ और संभावित व्याख्याएँ सिंधु जल संधि (1960) के तहत भारत को झेलम नदी पर सीमित जलाशय क्षमता और जल प्रवाह प्रबंधन का अधिकार प्राप्त है। तकनीकी दृष्टि से उरी बांध के गेट खोलना संधि के प्रावधानों के भीतर रह सकता है। किंतु समय और प्रसंग को देखते हुए यह कदम महज इंजीनियरिंग या जल प्रबंधन का सामान्य निर्णय प्रतीत नहीं होता। विशेषकर जब पहलगाम में हालिया आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, तब इस जलप्रवाह वृद्धि को एक रणनीतिक संकेत के रूप में पढ़ा जाना स्वाभाविक...

सूर्य पर कोरोनल होल: वैज्ञानिक शोध और रचनात्मक कल्पना का संगम

 सूर्य का अध्ययन सौर विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जो न केवल खगोलविदों के लिए, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी जिज्ञासा और प्रेरणा का विषय बना हुआ है। हाल ही में सूर्य पर पाए गए "कोरोनल होल" ने विज्ञान और कला की सीमाओं को जोड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया है। इन्हें देखकर कल्पनाशील लोगों ने इसे "इमेज सेसम स्ट्रीट" के पात्र 'बिग बर्ड' जैसा आकार बताया। यह रचनात्मक दृष्टिकोण दर्शाता है कि कैसे वैज्ञानिक घटनाएँ हमारी कल्पना को प्रोत्साहित कर सकती हैं।

कोरोनल होल: क्या हैं और क्यों महत्वपूर्ण हैं?

कोरोनल होल सूर्य के बाहरी वातावरण यानी उसके कोरोना के ऐसे क्षेत्र हैं जो अपेक्षाकृत ठंडे और कम घने होते हैं। इनका काला दिखना सौर प्लाज़्मा की कमी और चुंबकीय क्षेत्र के खुलने के कारण होता है। कोरोनल होल से निकलने वाली उच्च गति वाली सौर हवा (solar wind) पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करती है, जिससे भू-चुंबकीय तूफान और ध्रुवीय प्रकाश (auroras) जैसी घटनाएँ होती हैं।

इनकी खोज 1960 के दशक में हुई, जब वैज्ञानिकों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष यानों और एक्स-रे उपकरणों का उपयोग करना शुरू किया। तब से, ये होल सौर विज्ञान के अध्ययन का एक केंद्रीय विषय बन गए हैं।

प्राकृतिक घटना में रचनात्मकता का मेल

सूर्य पर कोरोनल होल के काले क्षेत्र और उनके आकार ने कई लोगों की कल्पना को उभारा है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि विज्ञान केवल तथ्यों और डेटा का संग्रह नहीं है, बल्कि वह कल्पनाशक्ति को भी प्रेरित करता है। 'बिग बर्ड' जैसा आकार देखना हमें यह समझने में मदद करता है कि कैसे प्राकृतिक घटनाएँ हमारे दिमाग में छवियाँ और कहानियाँ बुन सकती हैं।

प्रभाव और चुनौतियाँ

कोरोनल होल से निकलने वाली सौर हवा का प्रभाव पृथ्वी पर व्यापक हो सकता है। यह संचार प्रणालियों, उपग्रहों, और विद्युत ग्रिड्स को बाधित कर सकता है। वैज्ञानिक इन घटनाओं की भविष्यवाणी करके संभावित खतरों को कम करने का प्रयास करते हैं।

निष्कर्ष

कोरोनल होल जैसे खगोलीय घटनाएँ विज्ञान और कला के संगम का प्रतीक हैं। इनसे हम न केवल प्रकृति की अद्भुत संरचनाओं को समझ पाते हैं, बल्कि हमारी कल्पनाशक्ति भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचती है। जब विज्ञान और रचनात्मकता मिलकर काम करते हैं, तो वे मानवता को समझने और आगे बढ़ने के नए रास्ते दिखाते हैं।

आइए, इस अद्भुत ब्रह्मांड को नई आँखों से देखने और समझने की कोशिश करें। विज्ञान के माध्यम से कल्पना को एक नई उड़ान दें!


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✍️ARVIND SINGH PK REWA

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