प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर वैश्विक लोकप्रियता की सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है। अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्था मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 69% अप्रूवल रेटिंग के साथ वे दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बन गए हैं। यह उनकी न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत छवि और प्रभावशाली नेतृत्व को दर्शाता है।
लोकप्रियता के पीछे के प्रमुख कारण
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। उनका नेतृत्व, कार्यशैली, जनता से सीधा संवाद और निर्णय लेने की क्षमता उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है। उनकी नीतियों और योजनाओं का प्रभाव न केवल भारत की आंतरिक राजनीति पर पड़ा है बल्कि वैश्विक परिदृश्य में भी उनकी मजबूत छवि बनी है।
1. सशक्त नेतृत्व और निर्णायक फैसले
मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिनका सीधा असर देश की जनता और वैश्विक मंच पर पड़ा है। 2016 में नोटबंदी, 2017 में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करना, 2019 में अनुच्छेद 370 को समाप्त करना और 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसी योजनाओं ने उनकी नेतृत्व क्षमता को उजागर किया है।
2. विकासोन्मुखी योजनाएँ और नीतियाँ
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने कई योजनाएँ शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य देश के विभिन्न तबकों को सशक्त बनाना है। कुछ प्रमुख योजनाएँ इस प्रकार हैं:
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देकर उनकी जीवनशैली में सुधार।
प्रधानमंत्री आवास योजना: हर गरीब को घर उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।
स्वच्छ भारत अभियान: देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक जनांदोलन।
जन धन योजना: आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए सभी के लिए बैंकिंग सुविधाएँ।
डिजिटल इंडिया मिशन: देश को डिजिटल युग में आगे ले जाने की पहल।
इन योजनाओं का प्रभाव देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचा है, जिससे मोदी की लोकप्रियता और अधिक बढ़ी है।
3. वैश्विक मंच पर प्रभावशाली उपस्थिति
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विदेश नीति को नया आयाम दिया है। उन्होंने 'Neighborhood First' और 'Act East Policy' जैसी रणनीतियों के माध्यम से भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में उभारा है। जी-20, ब्रिक्स, क्वाड और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनकी उपस्थिति भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।
चीन के साथ सीमा विवाद हो या रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत का तटस्थ रुख, मोदी सरकार की कूटनीतिक नीतियाँ देश के हितों को सर्वोपरि रखते हुए बनाई गई हैं। उन्होंने अमेरिका, रूस, यूरोप, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए हैं, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत हुई है।
4. जनता से सीधा संवाद
मोदी की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण जनता के साथ उनका सीधा जुड़ाव है। 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से वे आम जनता से सीधे संवाद करते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता भी उन्हें जनता के करीब लाती है। ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और कू जैसे प्लेटफॉर्म पर उनकी उपस्थिति उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है।
5. मजबूत चुनावी रणनीति
मोदी और भाजपा की चुनावी रणनीति ने भारतीय राजनीति में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं। उन्होंने 'माइक्रो मैनेजमेंट' और 'बूथ लेवल मैनेजमेंट' की रणनीतियों का उपयोग कर भाजपा को लगातार चुनावी सफलता दिलाई है। उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल की।
चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
हालांकि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बहुत अधिक है, लेकिन उनके कार्यकाल में कई चुनौतियाँ और आलोचनाएँ भी सामने आई हैं।
1. आर्थिक असमानता और बेरोजगारी
देश में आर्थिक असमानता बढ़ी है, और बेरोजगारी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। कोविड-19 महामारी के दौरान लाखों लोगों की नौकरियाँ चली गईं, जिससे सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी। हालाँकि, सरकार ने 'आत्मनिर्भर भारत योजना' के तहत विभिन्न राहत पैकेज दिए, लेकिन आर्थिक पुनरुद्धार की गति अभी भी एक चुनौती बनी हुई है।
2. कृषि सुधार कानूनों की वापसी
2020 में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर देशभर में भारी विरोध हुआ। अंततः, सरकार को 2021 में इन कानूनों को वापस लेना पड़ा। इससे सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठे और विपक्ष को एक मुद्दा मिला।
3. धार्मिक ध्रुवीकरण और सामाजिक विवाद
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार पर अक्सर धार्मिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाया जाता है। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) जैसे मुद्दों पर विपक्ष और कुछ वर्गों में असंतोष रहा है।
भविष्य की दिशा
मोदी सरकार का अगला लक्ष्य भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है। 'विकसित भारत @2047' मिशन के तहत सरकार बुनियादी ढांचे, डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित ऊर्जा और आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
1. हरित ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण
मोदी सरकार ने 2070 तक 'नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन' का लक्ष्य रखा है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया जा रहा है।
2. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत
भारत को एक विनिर्माण हब बनाने के लिए 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान चलाए जा रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' नीति के तहत भारत अब हथियारों का निर्यात भी कर रहा है।
3. डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और स्टार्टअप इकोसिस्टम
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। सरकार 'डिजिटल इंडिया' और 'स्टार्टअप इंडिया' जैसी योजनाओं के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा दे रही है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह उनकी नीतियों, निर्णय लेने की क्षमता और जनसंवाद का परिणाम है। हालाँकि, चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शी सोच उन्हें विश्व के सबसे प्रभावशाली नेताओं में स्थान दिलाती है।
आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार किस तरह भारत को वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ाती है। यदि वे आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों को सफलतापूर्वक हल कर पाते हैं, तो उनकी लोकप्रियता और भी अधिक बढ़ सकती है, और भारत की अंतरराष्ट्रीय साख को नई ऊँचाई मिल सकती है।
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