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UPSC Current Affairs: 28 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 28 अप्रैल 2025 1-जल की राजनीति: उरी से झेलम तक बढ़ती रणनीतिकता प्रारंभिक टिप्पणी भारत द्वारा हाल ही में उरी जलविद्युत परियोजना के गेट खोलने और उसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में झेलम नदी का जलस्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ने की घटना ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संबंधों में जल प्रबंधन के रणनीतिक आयामों को प्रमुखता से सामने ला दिया है। इस घटना ने न केवल भौगोलिक और पर्यावरणीय चिंताओं को जन्म दिया है, बल्कि एक गहरे भू-राजनीतिक संदेश का संकेत भी दिया है। घटना का संदर्भ और संभावित व्याख्याएँ सिंधु जल संधि (1960) के तहत भारत को झेलम नदी पर सीमित जलाशय क्षमता और जल प्रवाह प्रबंधन का अधिकार प्राप्त है। तकनीकी दृष्टि से उरी बांध के गेट खोलना संधि के प्रावधानों के भीतर रह सकता है। किंतु समय और प्रसंग को देखते हुए यह कदम महज इंजीनियरिंग या जल प्रबंधन का सामान्य निर्णय प्रतीत नहीं होता। विशेषकर जब पहलगाम में हालिया आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, तब इस जलप्रवाह वृद्धि को एक रणनीतिक संकेत के रूप में पढ़ा जाना स्वाभाविक...

Trump’s ‘Gold Card’ Plan: Commercializing U.S. Citizenship or Economic Strategy?

 ट्रंप की 'गोल्ड कार्ड' योजना: अमेरिकी नागरिकता का बाज़ारीकरण या आर्थिक रणनीति?

डोनाल्ड ट्रंप की कथित ‘गोल्ड कार्ड’ योजना, जिसमें $5 मिलियन (लगभग ₹45 करोड़) की कीमत पर ग्रीन कार्ड और अमेरिकी नागरिकता का विशेषाधिकार दिया जाएगा, ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस को जन्म दिया है। यह योजना कई दृष्टिकोणों से विवादास्पद है—क्या यह अमेरिका की अप्रवासन नीति में सुधार का प्रयास है, या नागरिकता को एक व्यापारिक वस्तु बना देने की प्रक्रिया? क्या यह योजना अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बनाई गई है, या यह केवल अमीरों को प्राथमिकता देने का एक नया तरीका है? इस लेख में हम ट्रंप की इस योजना की गहन समीक्षा करेंगे और इसके विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, नैतिक और राजनीतिक प्रभावों का विश्लेषण करेंगे।

Trump’s ‘Gold Card’ Plan: Commercializing U.S. Citizenship or Economic Strategy?


1. अमेरिकी अप्रवासन नीति का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

अमेरिका का अप्रवासन इतिहास अवसर और समावेशिता पर आधारित रहा है। यह देश अपनी स्थापना से ही प्रवासियों का स्वागत करता रहा है, और इसके विकास में अप्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

19वीं और 20वीं शताब्दी में अप्रवासन: अमेरिका में औद्योगिक क्रांति के दौरान यूरोप, एशिया और अन्य महाद्वीपों से लाखों लोग रोजगार और बेहतर जीवन की तलाश में आए।

ग्रीन कार्ड और नागरिकता की परंपरागत प्रक्रिया: अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने के लिए अब तक एक निश्चित प्रक्रिया रही है, जिसमें लंबा समय लगता है। आमतौर पर अप्रवासी कार्य वीज़ा पर आते हैं, फिर ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करते हैं और अंततः नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार अर्जित करते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप की नई योजना इस ऐतिहासिक प्रक्रिया को पूरी तरह से बदलने का प्रयास करती है।

2. ट्रंप की योजना की मुख्य बातें

इस योजना के तहत $5 मिलियन (₹45 करोड़) देकर ग्रीन कार्ड प्राप्त किया जा सकता है।

इससे ग्रीन कार्ड धारकों को विशेषाधिकार मिलेंगे, जिससे नागरिकता का रास्ता खुल जाएगा।

ट्रंप का दावा है कि यह योजना अमेरिका में अधिक अमीर लोगों को आकर्षित करेगी, जिससे वे देश की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाएंगे।

उनका यह भी कहना है कि इन अमीर अप्रवासियों के आने से अधिक कर (टैक्स) का भुगतान किया जाएगा, जिससे सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा।

3. योजना की आलोचना

(क) लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध

अमेरिका की नींव समानता और अवसर की अवधारणाओं पर टिकी है। यदि नागरिकता को केवल अमीरों के लिए उपलब्ध एक विशेषाधिकार बना दिया जाए, तो यह देश के मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ होगा।

"योग्यता" के बजाय "धन" प्राथमिकता बनेगा: अब तक अमेरिकी नागरिकता योग्यता और योगदान के आधार पर दी जाती रही है, लेकिन यह योजना इसे एक "बिकाऊ वस्तु" बना रही है।

असमानता को बढ़ावा: यदि केवल वे लोग अमेरिका की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं जो करोड़ों रुपये खर्च कर सकते हैं, तो यह गरीब और मध्यम वर्ग के प्रवासियों के लिए अनुचित होगा।

(ख) आर्थिक असमानता को बढ़ावा

इस योजना का सबसे गंभीर प्रभाव यह होगा कि यह अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को और चौड़ा कर देगा।

यह नीति केवल धनी वर्ग को लाभ पहुंचाएगी, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के अप्रवासियों के लिए अमेरिका में बसना और कठिन हो जाएगा।

अमेरिका में प्रतिभाशाली लेकिन गरीब अप्रवासियों के लिए अवसर कम हो सकते हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर टैलेंट ड्रेन (प्रतिभा का प्रवाह) प्रभावित होगा।

(ग) अमेरिका के दीर्घकालिक हितों के लिए हानिकारक

अमेरिका ने अपनी शक्ति केवल पूंजी से नहीं, बल्कि मेहनती लोगों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों के योगदान से हासिल की है।

इस योजना के तहत केवल धनाढ्य लोग ही अमेरिका आ सकेंगे, जबकि असली योगदानकर्ता—इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक और शिक्षक—पीछे रह जाएंगे।

यह नीति अमेरिका के वैज्ञानिक, तकनीकी और नवाचार के विकास को धीमा कर सकती है, क्योंकि यह टैलेंट के बजाय धन को प्राथमिकता देती है।

4. अमेरिका में कर प्रणाली पर प्रभाव

ट्रंप का दावा है कि अमीर अप्रवासियों के आगमन से अमेरिका में अधिक कर (टैक्स) एकत्र किया जा सकेगा।

हालांकि, कई अमीर लोग टैक्स हैवन (टैक्स बचाने वाले देशों) में अपनी संपत्ति रखते हैं, जिससे अमेरिका को ज्यादा फायदा नहीं होगा।

इसके अलावा, यदि धनी अप्रवासियों को विशेष कर रियायतें दी जाती हैं, तो इसका सीधा प्रभाव अमेरिकी मध्यम वर्ग पर पड़ेगा, जिन पर कर भार बढ़ सकता है।

5. नैतिक और व्यावहारिक आलोचना

(क) नागरिकता का बाज़ारीकरण

नागरिकता केवल पैसे से खरीदी जा सके, यह एक नैतिक रूप से आपत्तिजनक अवधारणा है।

यह उन लाखों लोगों के लिए अनुचित होगा जो कई सालों तक संघर्ष करके ग्रीन कार्ड और नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया में लगे रहते हैं।

(ख) कर चोरी और अवैध गतिविधियों का खतरा

इस योजना से धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और कर चोरी के मामलों में वृद्धि हो सकती है।

कई आपराधिक समूह और भ्रष्ट अधिकारी इस योजना का उपयोग कर अमेरिका में प्रवेश कर सकते हैं।

6. संभावित वैकल्पिक समाधान

यदि ट्रंप प्रशासन वास्तव में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहता है, तो इसके लिए अधिक न्यायसंगत और प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं।

(क) मेरिट-आधारित अप्रवासन प्रणाली

ग्रीन कार्ड और नागरिकता को पूरी तरह धन पर आधारित करने के बजाय, एक मेरिट-आधारित प्रणाली लागू की जा सकती है।

इस प्रणाली में शैक्षिक योग्यता, कार्य अनुभव और अन्य सामाजिक योगदान को प्राथमिकता दी जाए।

(ख) स्टार्टअप और निवेश-आधारित अप्रवासन नीति

अमेरिका में व्यापार और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप वीज़ा और निवेश-आधारित वीज़ा को अधिक पारदर्शी बनाया जा सकता है।

इससे वास्तविक निवेशकों और उद्यमियों को अमेरिका में अवसर मिलेंगे, न कि केवल धनाढ्य लोगों को।

(ग) आव्रजन प्रक्रिया का सरलीकरण

कानूनी अप्रवासन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए, ताकि लोग कानूनी तरीके से अमेरिका में बस सकें।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप की ‘गोल्ड कार्ड’ योजना अमेरिका की अप्रवासन नीति को एक ‘धन आधारित नीलामी’ में बदलने का प्रयास प्रतीत होती है। यह योजना समाज में असमानता को बढ़ावा देगी, लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करेगी, और देश की दीर्घकालिक आर्थिक और सामाजिक संरचना को नुकसान पहुंचा सकती है।

अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र को ऐसी नीतियों की ओर बढ़ने से पहले गहराई से विचार करना चाहिए, ताकि आप्रवासन नीति समानता, योग्यता और मानवीय मूल्यों पर आधारित बनी रहे। यदि ट्रंप प्रशासन वास्तव में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहता है, तो उसे एक संतुलित और न्यायसंगत अप्रवासन प्रणाली विकसित करनी चाहिए, न कि केवल नागरिकता को धनिकों के लिए एक विशेषाधिकार बना देना चाहिए।


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✍️ARVIND SINGH PK REWA

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