बिम्सटेक 2025 : एशिया के सहयोग की नई संभावनाएँ
परिचय
बिम्सटेक (BIMSTEC) — Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation — एक ऐसा क्षेत्रीय संगठन है, जो बंगाल की खाड़ी से जुड़े सात देशों को आपस में जोड़ता है। इसकी स्थापना 6 जून 1997 को थाईलैंड के बैंकॉक में हुई थी, और इसके सदस्य देश हैं: भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, म्यांमार और थाईलैंड। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय आर्थिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है।
4 अप्रैल 2025 को थाईलैंड के बैंकॉक में बिम्सटेक की छठी शिखर बैठक आयोजित की गई, जिसमें सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों एवं प्रधानमंत्रियों ने भाग लिया। यह बैठक इसलिए विशेष थी क्योंकि यह कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार प्रत्यक्ष रूप से आयोजित की गई थी। इसका मुख्य विषय था — “समृद्ध, लचीला और खुला बिम्सटेक”।
बैंकॉक विज़न 2030: भविष्य की नींव
इस बैठक का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय था “बैंकॉक विज़न 2030” को अपनाना। यह दस्तावेज़ बिम्सटेक के भावी लक्ष्यों, प्राथमिकताओं और सहयोग के क्षेत्रों को स्पष्ट करता है। इसमें पारस्परिक व्यापार, ऊर्जा सहयोग, परिवहन संपर्क, डिजिटल साझेदारी और आपदा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर दीर्घकालिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है। यह विज़न बताता है कि बिम्सटेक अब केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक सक्रिय संस्था बन चुकी है, जो अपने सदस्य देशों के हितों के लिए ठोस कार्य कर रही है।
प्रमुख मुद्दे और उपलब्धियाँ
1. क्षेत्रीय व्यापार और आर्थिक सहयोग
बैठक में बिम्सटेक मुक्त व्यापार समझौते (BIMSTEC FTA) को शीघ्र लागू करने पर बल दिया गया। यह समझौता यदि साकार होता है, तो सदस्य देशों के बीच शुल्कों में कमी, निवेश प्रवाह में वृद्धि और वस्तुओं एवं सेवाओं के आदान-प्रदान को सरल बनाएगा। यह आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है।
2. आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता
म्यांमार और थाईलैंड में हाल ही में आए भूकंपों और प्राकृतिक आपदाओं की पृष्ठभूमि में आपदा राहत तंत्र को मजबूत करने पर बल दिया गया। यह निर्णय समय की माँग था, क्योंकि बंगाल की खाड़ी का क्षेत्र भूकंप, चक्रवात और बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील है। बिम्सटेक सदस्य देशों ने संयुक्त आपदा प्रतिक्रिया अभ्यास करने की योजना पर सहमति जताई।
3. क्षेत्रीय संपर्क (Connectivity)
बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच संपर्क बेहतर बनाने के लिए सड़क, रेल और समुद्री मार्गों को जोड़ने की परियोजनाओं पर बल दिया गया। भारत द्वारा प्रस्तावित कलादान मल्टीमॉडल प्रोजेक्ट और भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग जैसे प्रोजेक्ट्स को विशेष रूप से महत्व दिया गया।
4. सुरक्षा सहयोग
आतंकवाद, तस्करी और साइबर अपराध जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक सुरक्षा रणनीति पर चर्चा की गई। भारत ने इस मुद्दे पर सभी देशों को एक साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।
भारत की भूमिका और दृष्टिकोण
भारत बिम्सटेक का एक प्रमुख सदस्य है और इसकी ‘Act East Policy’ के तहत यह संगठन भारत की पूर्वी रणनीति में केंद्रीय भूमिका निभाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में भाग लेते हुए वसुधैव कुटुंबकम् के सिद्धांत का उल्लेख किया और क्षेत्रीय एकता को भारत की प्राथमिकता बताया। भारत ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य सहयोग और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नए प्रस्ताव रखे।
भारत के लिए बिम्सटेक न केवल आर्थिक लाभ का मंच है, बल्कि कूटनीतिक संतुलन का माध्यम भी है। यह संगठन भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ने में मदद करता है, विशेष रूप से तब जब SAARC (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) पाकिस्तान के कारण निष्क्रिय हो चुका है।
भविष्य की राह और चुनौतियाँ
हालाँकि बिम्सटेक की प्रगति सराहनीय रही है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
- क्रियान्वयन की गति धीमी है। कई परियोजनाएँ केवल प्रस्ताव के रूप में रह जाती हैं।
- वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण कई योजनाएँ समय पर पूरी नहीं हो पातीं।
- सदस्य देशों की आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता, जैसे म्यांमार में सैन्य शासन, कभी-कभी सहयोग के मार्ग में बाधा उत्पन्न करती है।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए संगठन को संस्थागत सुधार, सार्वजनिक भागीदारी, और समयबद्ध कार्यान्वयन की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
बिम्सटेक की छठी शिखर बैठक केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं थी, बल्कि एक नए युग की शुरुआत थी। यह बैठक इस बात का प्रतीक बनी कि अगर इच्छाशक्ति हो तो क्षेत्रीय विविधता को एकता में बदला जा सकता है। यदि “बैंकॉक विज़न 2030” के लक्ष्यों को ईमानदारी से लागू किया जाए, तो बिम्सटेक न केवल बंगाल की खाड़ी, बल्कि पूरे एशिया की समृद्धि और स्थिरता का वाहक बन सकता है।
बिम्सटेक का भविष्य अब उन निर्णयों पर निर्भर करेगा, जिन्हें सदस्य देश कागज़ से ज़मीन पर लाते हैं। भारत सहित सभी सदस्यों को मिलकर इस मंच को एक प्रभावी, परिणाममुखी और जनकेंद्रित संगठन बनाना होगा — तभी यह संगठन अपने नाम और उद्देश्य को सार्थक कर पाएगा।
बिम्सटेक (BIMSTEC) से संबंधित जानकारी UPSC के General Studies (GS) Paper II और Paper III दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
GS Paper II: Governance, International Relations
UPSC Syllabus Linkage:
Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests.
कैसे उपयोगी है:
बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें भारत एक प्रमुख सदस्य है।
यह भारत की Act East Policy, Neighborhood First Policy, और Indo-Pacific strategy का हिस्सा है।
SAARC के विकल्प के रूप में बिम्सटेक की बढ़ती भूमिका एक आलोचनात्मक विश्लेषण का विषय बनती है।
भारत की Soft diplomacy, connectivity projects, और security cooperation को समझाने में बिम्सटेक का उदाहरण दिया जा सकता है।
GS Paper III: Economic Development, Internal Security
UPSC Syllabus Linkage:
Linkages between development and spread of extremism.
Challenges to internal security through communication networks, role of media and social networking sites in internal security challenges.
कैसे उपयोगी है:
बिम्सटेक के अंतर्गत होने वाला security cooperation (जैसे counter-terrorism, cyber security) आंतरिक सुरक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण है।
Economic development और regional connectivity जैसे मुद्दे BIMSTEC से जुड़े हैं — खासकर India’s North-East Development और maritime trade routes के संदर्भ में।
Essay Paper / Interview में भी प्रासंगिक
बिम्सटेक जैसे संगठनों पर निबंध, जैसे:
“Regional cooperation is the key to India’s rise as a global power”
“India and the Bay of Bengal: Emerging dynamics”
इंटरव्यू में यदि आपके ऑप्शनल या होम स्टेट से बिम्सटेक संबंधित कोई लिंक हो (जैसे बंगाल की खाड़ी से जुड़ा राज्य), तो आपसे इससे जुड़े प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
बिम्सटेक (BIMSTEC) पर आधारित संभावित UPSC प्रश्न, जो GS Paper II, Essay Paper, और Interview तीनों के लिए उपयोगी हो सकते हैं:
GS Paper II (International Relations) – संभावित प्रश्न
1. "BIMSTEC is emerging as an alternative to SAARC." Critically examine the potential and challenges of BIMSTEC in strengthening regional cooperation. (250 शब्द)
(बिम्सटेक सार्क का विकल्प बनकर उभर रहा है – चर्चा करें)
2. Discuss the strategic importance of BIMSTEC for India in the context of its Act East Policy and Indo-Pacific vision. (250 शब्द)
3. Evaluate the role of BIMSTEC in promoting regional connectivity and economic integration in the Bay of Bengal region.
4. What are the major hurdles in making BIMSTEC an effective regional organization? Suggest measures to overcome them.
5. "BIMSTEC can play a significant role in India's neighbourhood-first policy." Discuss with recent developments.
GS Paper III (Security & Development) – संभावित प्रश्न
6. How does BIMSTEC cooperation help in tackling non-traditional security threats like terrorism, cybercrime and human trafficking in the region?
7. Examine how regional groupings like BIMSTEC can contribute to inclusive and sustainable economic development in India’s North-Eastern region.
Essay Paper – संभावित विषय
8. “Regional cooperation is the key to sustainable peace and development in South Asia – A study of BIMSTEC”
9. “In a multipolar world, regionalism is not a choice, but a necessity” – Evaluate with reference to BIMSTEC.
Interview में पूछे जा सकने वाले प्रश्न:
10. SAARC और BIMSTEC में क्या अंतर है? भारत किसे प्राथमिकता दे और क्यों?
11. आपके राज्य (जैसे बिहार, बंगाल, ओडिशा, या नॉर्थ-ईस्ट) को BIMSTEC से क्या लाभ हो सकता है?
12. क्या BIMSTEC वास्तव में कारगर हो पाया है या यह केवल एक कूटनीतिक मंच बनकर रह गया है?
13. हाल की BIMSTEC बैठक में क्या निर्णय लिए गए जो भारत के लिए महत्त्वपूर्ण हैं?
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