पासपोर्ट रैंकिंग 2025: भारत की स्थिति और वैश्विक परिदृश्य
हाल ही में जारी ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में आयरलैंड को दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट करार दिया गया है, जबकि पाकिस्तान सबसे निचले स्थान पर है। इस वर्ष भारत की रैंकिंग में एक स्थान की गिरावट देखी गई है, जिससे यह अब 148वें स्थान पर पहुँच गया है।
भारत की रैंकिंग में गिरावट के कारण
भारत के नागरिकों को बहुत कम देशों में वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा मिलती है, जिससे भारत की पासपोर्ट रैंकिंग प्रभावित हुई है। इस साल भारत का पासपोर्ट स्कोर 47.5 अंक रहा, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम है। इसकी प्रमुख वजहें निम्नलिखित हैं:
- अन्य देशों की तुलना में भारतीय पासपोर्ट की वीजा-मुक्त पहुंच सीमित है।भारत के नागरिकों को बहुत से देशों में वीजा हासिल करने में कठिनाई होती है।
- अंतरराष्ट्रीय छवि का प्रभाव। भारत की अन्तर्राष्ट्रीय छवि में सुधार की जरूरत है, क्योंकि इसके कारण भारतीय पासपोर्ट की ताकत में कमी आयी है।
- भारत मे नागरिकता और दोहरी नागरिकता की नीतियों में कड़े नियम हैं।
वैश्विक परिदृश्य
शीर्ष स्थान पर कौन?
इस साल दुनिया का सबसे मजबूत पासपोर्ट आयरलैंड का है, जिसके नागरिकों को दुनिया के कई देशों में बिना वीजा यात्रा की सुविधा प्राप्त है। इसके बाद स्विट्जरलैंड, ग्रीस, पुर्तगाल और माल्टा के पासपोर्ट सबसे ताकतवर माने गए हैं।
सबसे कमजोर पासपोर्ट
सबसे कमजोर पासपोर्ट की सूची में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और सीरिया शामिल हैं। इन देशों के नागरिकों को बहुत कम देशों में वीजा-फ्री यात्रा की सुविधा मिलती है।
पासपोर्ट की ताकत कैसे तय होती है?
पासपोर्ट की ताकत को मापने के लिए कुछ प्रमुख कारक होते हैं:
1. वीजा-फ्री यात्रा की संख्या (50% वेटेज)
2. देश की वैश्विक प्रतिष्ठा और आर्थिक स्थिति (20% वेटेज)
3. व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सुरक्षा का स्तर (10-15% वेटेज)
निष्कर्ष
भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में सुधार के लिए सरकार को अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार एवं पर्यटन बढ़ाने तथा वीजा-मुक्त यात्रा सुविधाओं का विस्तार करने की दिशा में काम करना होगा।
क्या भारत आने वाले वर्षों में अपनी पासपोर्ट रैंकिंग सुधार पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
यह खबर UPSC GS Paper 2 (Governance, International Relations, और Polity) से संबंधित है।
कैसे संबंधित है?
2. गवर्नेंस और नीति (Governance & Policy) – भारत की वीजा नीतियाँ, विदेश नीति, और नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाएँ इस विषय के अंतर्गत आती हैं।
3. वैश्विक सूचकांक (Global Indices & Reports) – UPSC में अक्सर विभिन्न वैश्विक रैंकिंग और इंडेक्स से प्रश्न पूछे जाते हैं। यह खबर ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स से जुड़ी है, जो परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
4. आर्थिक प्रभाव (Economic & Trade Impact) – किसी देश का पासपोर्ट व्यापार, पर्यटन, और निवेश पर प्रभाव डालता है, जो कि भारत की अर्थव्यवस्था और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता से जुड़ा हुआ मुद्दा है।
UPSC में कैसे प्रश्न आ सकते हैं?
1. ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स क्या है, और यह किन कारकों पर आधारित होता है?
2. भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में गिरावट के पीछे क्या कारण हैं?
3. पासपोर्ट ताकत और देश की कूटनीति के बीच क्या संबंध है?
4. भारत की वीजा नीति और विदेशी यात्राओं पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
निष्कर्ष: UPSC GS Paper 2 के लिए यह विषय महत्वपूर्ण है, और इसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों, वैश्विक शासन, और नीति निर्माण के दृष्टिकोण से समझना चाहिए।
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