वी नारायणन: इसरो के नए अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव
14 जनवरी 2025 से, वी नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है जो एस सोमनाथ का जगह लेंगे। उनका कार्यकाल दो वर्षों के लिए होगा। यह नियुक्ति इसरो के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह संगठन अपने अंतरिक्ष अभियानों में नई ऊँचाइयों को छूने की दिशा में लगातार अग्रसर है।
इसरो और अंतरिक्ष विभाग में वी नारायणन की भूमिका
इसरो, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का मुख्य केंद्र है, ने कई अहम मिशनों को सफलता से अंजाम दिया है, जैसे कि चंद्रयान, मंगलयान, और हाल ही में आदित्य एल1 मिशन। अब वी नारायणन के नेतृत्व में, संगठन का उद्देश्य और भी अधिक महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू करना होगा, जैसे कि मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान, और अन्य अंतरिक्ष खोज अभियानों को सफल बनाना।
नारायणन की नियुक्ति से पहले, उन्होंने इसरो में विभिन्न तकनीकी और नेतृत्व संबंधी पदों पर काम किया है। उनके पास अंतरिक्ष क्षेत्र में गहरी समझ और अनुभव है, जो इसरो को वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा। उनकी नियुक्ति इसरो के लिए एक नई दिशा और उम्मीदों का संचार करती है।
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और वैश्विक महत्व
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में भी भारत के प्रभाव को मजबूत करता है। वी नारायणन के नेतृत्व में, इसरो को न केवल भारत की तकनीकी प्रगति में योगदान देने का अवसर मिलेगा, बल्कि वह अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद की जा रही है कि इसरो के अंतरिक्ष कार्यक्रम को और भी अधिक सफलता मिलेगी, और भारत का अंतरिक्ष अन्वेषण क्षेत्र दुनिया भर में एक प्रमुख स्थान बनाएगा।
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