⏩भारत की 10 सबसे मूल्यवान सरकारी कंपनियाँ: 2024 की सूची
- 1. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) – भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक, जो अपने मजबूत बैंकिंग नेटवर्क और डिजिटल सेवाओं के लिए जाना जाता है।
- 2. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) – भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी, जो करोड़ों लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
- 3. नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) – यह कंपनी बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी है और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- 4. ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) – भारत की सबसे बड़ी तेल और गैस अन्वेषण और उत्पादन कंपनी।
- 5. हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) – रक्षा क्षेत्र में कार्यरत यह कंपनी देश में विमान और हेलिकॉप्टर निर्माण का प्रमुख केंद्र है।
- 6. पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया – यह कंपनी देश में विद्युत ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और प्रबंधन में कार्यरत है।
- 7. कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) – विश्व की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी, जो भारत में कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करती है।
- 8. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) – रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य तकनीकी उत्पादों के निर्माण में अग्रणी कंपनी।
- 9. इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) – भारतीय रेलवे के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने वाली प्रमुख संस्था।
- 10. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) – भारत की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी, जो पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति करती है।
भारत की ये सरकारी कंपनियाँ देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। बैंकिंग, ऊर्जा, रक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इनका योगदान भारत की विकास यात्रा को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।
- बजट 2025: एक समग्र विश्लेषण
भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025 आर्थिक सुधारों, सामाजिक उत्थान और समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह बजट आर्थिक वृद्धि, निवेश प्रोत्साहन, मध्यम वर्ग को राहत, सामाजिक कल्याण, तकनीकी नवाचार, पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इस लेख में, हम बजट 2025 का समग्र विश्लेषण विभिन्न पहलुओं से करेंगे।
1. आर्थिक दृष्टिकोण
i) आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन
विकास दर को गति देने के लिए बुनियादी ढांचे, उद्योग, और स्टार्टअप्स में निवेश बढ़ाया गया है।
MSME (लघु और मध्यम उद्योगों) को वित्तीय सहायता और आसान ऋण उपलब्ध कराए गए हैं।
बेरोजगारी दर कम करने के लिए उत्पादन और सेवा क्षेत्रों में विशेष योजनाएँ लागू की गई हैं।
ii) कर नीति और वित्तीय संतुलन
मध्यम वर्ग के लिए कर राहत देने के लिए आयकर स्लैब में संशोधन किया गया है।
GST प्रणाली को सरल बनाकर व्यापारियों और उद्यमियों को राहत दी गई है।
मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए आवश्यक वस्तुओं पर कर में कटौती की गई है।
iii) निवेश और व्यापार नीतियाँ
विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देने के लिए व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल किया गया है।
"मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" को समर्थन देने के लिए स्थानीय उद्योगों को कर में छूट दी गई है।
क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल भुगतान के लिए नए नियम बनाए गए हैं।
2. सामाजिक दृष्टिकोण
i) गरीबों और ग्रामीण विकास पर जोर
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का विस्तार किया गया है, जिससे अधिक लोगों को खाद्य सुरक्षा मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे (सड़क, बिजली, पानी) के लिए अधिक धनराशि आवंटित की गई है।
महिलाओं और बच्चों के पोषण के लिए विशेष योजनाएँ चलाई गई हैं।
ii) स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र
आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए अधिक परिवारों को इसमें शामिल किया गया है।
सरकारी अस्पतालों के सुधार और नई मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई है।
टीकाकरण और महामारी से बचाव के लिए शोध और दवाइयों पर निवेश बढ़ाया गया है।
iii) शहरी विकास और आवास
स्मार्ट सिटी योजना के तहत 100 नए शहरों में डिजिटल सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं।
आवास योजना में मध्यम और निम्न वर्ग के लिए घर खरीदने पर सब्सिडी दी गई है।
3. शैक्षणिक दृष्टिकोण
i) डिजिटल शिक्षा और नई शिक्षा नीति (NEP)
सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म विकसित किए गए हैं।
ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए गए हैं।
उच्च शिक्षा में "स्टडी इन इंडिया" और "रिसर्च इन इंडिया" को बढ़ावा दिया गया है।
ii) कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा
युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम लॉन्च किए गए हैं, जिससे वे आधुनिक उद्योगों के लिए तैयार हो सकें।
AI, रोबोटिक्स, और डेटा साइंस में विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए विशेष कोर्स उपलब्ध कराए गए हैं।
स्टार्टअप्स और युवा उद्यमियों को वित्तीय और तकनीकी सहायता दी गई है।
4. पर्यावरणीय और ऊर्जा दृष्टिकोण
i) ग्रीन एनर्जी और जलवायु परिवर्तन
सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में भारी निवेश किया गया है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) पर सब्सिडी बढ़ाकर हरित परिवहन को बढ़ावा दिया गया है।
प्लास्टिक मुक्त भारत पहल के तहत कड़े नियम बनाए गए हैं।
ii) जल संरक्षण और कृषि क्षेत्र में सुधार
"नमामि गंगे" और जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण के लिए नए कदम उठाए गए हैं।
जैविक खेती और प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया है।
5. तकनीकी और डिजिटल दृष्टिकोण
i) डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप्स को समर्थन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), और साइबर सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएँ बनाई गई हैं।
5G और 6G नेटवर्क के विकास में निवेश किया गया है।
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं।
ii) डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक उद्योग
UPI और डिजिटल भुगतान प्रणाली को मजबूत करने के लिए नए उपाय किए गए हैं।
क्रिप्टो करेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए गए हैं।
6. अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण
i) वैश्विक व्यापार और निवेश नीति
भारत ने G20 देशों के साथ व्यापार समझौतों को मजबूत करने के लिए नई नीतियाँ बनाई हैं।
भारत-मध्य एशिया व्यापार गलियारा विकसित करने की योजना बनाई गई है।
ii) रक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंध
रक्षा बजट में वृद्धि करते हुए नई तकनीकों का समावेश किया गया है।
"मेड इन इंडिया" रक्षा उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा दिया गया है।
निष्कर्ष
बजट 2025 समग्र विकास पर केंद्रित एक संतुलित बजट है, जो आर्थिक स्थिरता, सामाजिक कल्याण, शैक्षिक सुधार, पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी प्रगति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखता है। यह बजट भारत को एक आत्मनिर्भर, हरित और डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में मदद करेगा। यदि इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो भारत आने वाले वर्षों में एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर सकता है।
- सरकार को पैसा कहां से मिलता है और कहां होता है खर्च?
सरकार के राजस्व का मुख्य स्रोत विभिन्न कर और उधारी होते हैं। सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं:
1. ऋण और अन्य देयताएं (24%) – सरकार को सबसे अधिक पैसा ऋण और अन्य वित्तीय स्रोतों से प्राप्त होता है।
2. आयकर (22%) – व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट आयकर सरकार की आय का एक बड़ा हिस्सा होता है।
3. जीएसटी और अन्य कर (18%) – वस्तु एवं सेवा कर (GST) और अन्य अप्रत्यक्ष कर भी सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत हैं।
4. कॉर्पोरेशन टैक्स (17%) – कंपनियों से प्राप्त टैक्स भी सरकार की आय का एक बड़ा भाग होता है।
सरकार पैसा कहां खर्च करती है?
1. राज्यों को टैक्स-शुल्क का हिस्सा (22%) – राज्यों को टैक्स में से सबसे अधिक राशि प्रदान की जाती है।
2. ब्याज भुगतान (20%) – सरकार द्वारा लिए गए ऋण पर ब्याज चुकाने में बड़ी राशि खर्च होती है।
3. केंद्रीय योजनाएं (16%) – विभिन्न सरकारी योजनाओं और विकास परियोजनाओं पर खर्च किया जाता है।
4. पेंशन (4%) – सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों और अन्य पेंशन योजनाओं पर खर्च किया जाता है।
सरकार को मुख्य रूप से कर और ऋण के माध्यम से धन प्राप्त होता है, जिसे राज्यों को सहायता देने, ब्याज चुकाने, योजनाओं और पेंशन पर खर्च किया जाता है।
- आर्थिक सर्वेक्षण 2025: भारत की जीडीपी वृद्धि और भविष्य की संभावनाएँ
परिचय:
भारत सरकार ने हाल ही में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 जारी किया, जिसमें 2025-26 के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.3% से 6.8% रहने का अनुमान लगाया गया है। यह रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में केंद्रीय बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. नागेश्वरन के नेतृत्व में तैयार किया गया है।
जीडीपी वृद्धि का अनुमान:
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के संतुलित और सतत विकास की ओर संकेत किया गया है। अनुमान के अनुसार, 2025-26 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि 6.3% से 6.8% के बीच रहने की संभावना है। यह अनुमान मजबूत घरेलू मांग, औद्योगिक विकास, और सेवा क्षेत्र की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है।
महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक:
1. मुद्रास्फीति नियंत्रण में: रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति संतुलित रहेगी और सरकार की नीतियों से महंगाई को नियंत्रण में रखा जाएगा।
2. औद्योगिक और सेवा क्षेत्र का विकास: विनिर्माण, निर्माण और सेवा क्षेत्र में निरंतर सुधार देखा जा रहा है, जिससे आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
3. निर्यात और वैश्विक प्रभाव: वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है और निर्यात में वृद्धि की संभावना जताई गई है।
सरकार की रणनीतियाँ:
बुनियादी ढांचे में निवेश: सड़कों, रेल, और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा है।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत: घरेलू उत्पादन और स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है।
ग्रीन एनर्जी और सतत विकास: पर्यावरण-संरक्षण के साथ हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेश किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास की ओर सकारात्मक संकेत देता है। यदि सरकार की नीतियाँ सही दिशा में आगे बढ़ती हैं, तो आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी।
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