दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...
🌍 सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक वापसी: 9 महीने के अंतरिक्ष अभियान की साहसिक गाथा परिचय नासा की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अपने अद्वितीय साहस और दृढ़ संकल्प के साथ एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। जून 2024 में बोइंग स्टारलाइनर मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजी गईं सुनीता, 286 दिनों के ऐतिहासिक अंतरिक्ष प्रवास के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आईं। यह मिशन मूल रूप से केवल 8 दिनों का परीक्षण उड़ान होने वाला था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण यह लगभग 9 महीने तक चला। इस चुनौतीपूर्ण सफर ने अंतरिक्ष यात्रियों की मानसिक और शारीरिक सहनशक्ति की परीक्षा ली और विज्ञान जगत के लिए कई नई जानकारियाँ प्रदान कीं। मिशन का प्रारंभ और चुनौतिया सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बैरी "बुच" विलमोर 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए लॉन्च किए गए थे। यह नासा और बोइंग के सहयोग से एक महत्वपूर्ण मिशन था, जो नई पीढ़ी के अंतरिक्ष यान की परीक्षण उड़ान के रूप में शुरू हुआ था। तकनीकी समस्याएँ और मिशन विस्तार लेकिन, मिशन के दौरान अंतरिक्ष ...