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Daily Current Affairs: 27 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...

Operation Brahma: India’s Humanitarian Mission in Myanmar Earthquake 2025

✅ ऑपरेशन ब्रह्म: भारत का मानवीय राहत अभियान और क्षेत्रीय नेतृत्व की भूमिका 🔹 भूमिका मार्च 2025 में म्यांमार में आए 7.2 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने देश को गहरे मानवीय संकट में डाल दिया। इस आपदा में 2 000 से अधिक लोग मारे गए , हजारों घायल हुए और लाखों लोग बेघर हो गए। बुनियादी ढांचा ध्वस्त हो गया और प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य, जल और चिकित्सा संकट उत्पन्न हो गया। भारत ने इस आपदा के जवाब में ऑपरेशन ब्रह्म (Operation Brahma) नामक एक व्यापक मानवीय राहत अभियान शुरू किया। इसके तहत, भारतीय नौसेना (Indian Navy Relief Mission) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने म्यांमार में राहत और बचाव अभियान चलाया। भारत का यह कदम Neighbourhood First Policy (पड़ोसी प्रथम नीति) का परिचायक था, जिसके माध्यम से भारत ने अपनी क्षेत्रीय नेतृत्व क्षमता (India’s Regional Leadership) और मानवीय संवेदनशीलता का प्रदर्शन किया। 🔹 म्यांमार भूकंप 2025: तबाही का मंजर मार्च 2025 में म्यांमार के सगाइंग क्षेत्र में 7.2 तीव्रता का भूकंप (Myanmar Earthquake 2025) आया, जिसने देश के प्रमुख शहरों और ग्रामीण इल...

मिशन मौसम': भारत के विकास में एक नई दिशा

 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय मौसम विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस पर 'मिशन मौसम' की शुरुआत भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल न केवल मौसम विज्ञान के क्षेत्र में देश को मजबूत बनाएगी, बल्कि इसका व्यापक प्रभाव कृषि, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण जैसे कई क्षेत्रों पर पड़ेगा। मिशन की आवश्यकता क्यों? भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग 60% आबादी खेती पर निर्भर है। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में हो रहे तीव्र बदलाव किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। समय पर और सटीक मौसम पूर्वानुमान की कमी से फसल उत्पादन में नुकसान और आपदाओं में वृद्धि देखी गई है। 'मिशन मौसम' इस कमी को पूरा करने और समाज को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम है। तकनीकी विकास की ओर कदम 'मिशन मौसम' का उद्देश्य आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक अनुसंधान का उपयोग कर मौसम विज्ञान को उन्नत बनाना है। इसमें उपग्रह आधारित डेटा संग्रह, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और मशीन लर्निंग जैसे तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल होगा। यह न केवल पूर्वानुमान को सटीक बनाएगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन पर निगरान...

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