दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...
पदार्थ की नई अवस्था की खोज: 'हाफ आइस, हाफ फायर' विज्ञान की दुनिया में समय-समय पर नए-नए शोध और खोजें होती रहती हैं, जो हमारे भौतिकी, रसायन और जीवन के मूलभूत सिद्धांतों को प्रभावित करती हैं। हाल ही में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के वैज्ञानिकों द्वारा पदार्थ की एक नई अवस्था 'हाफ आइस, हाफ फायर' की खोज की गई है। यह खोज आधुनिक भौतिकी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह पदार्थ की मौजूदा अवस्थाओं - ठोस, द्रव, गैस और प्लाज़्मा के अतिरिक्त एक नई श्रेणी को प्रस्तुत करती है। यह खोज UPSC के सामान्य अध्ययन (GS) पेपर-3 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के खंड में भी महत्वपूर्ण हो सकती है। पदार्थ की पारंपरिक अवस्थाएँ अब तक, वैज्ञानिकों ने चार मुख्य अवस्थाओं को पहचाना था: ठोस (Solid) : इस अवस्था में अणु या परमाणु एक निश्चित संरचना में व्यवस्थित रहते हैं, जिससे पदार्थ को एक निश्चित आकार और आयतन मिलता है। द्रव (Liquid) : इस अवस्था में अणु आपस में बंधे रहते हैं लेकिन उनके बीच कुछ स्वतंत्रता होती है, जिससे वे प्रवाहित हो सकते हैं। गैस (Gas) : इसमें अणु बहुत अधिक गति में...