दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...
विषय: कम सोडियम वाला नमक: एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम विवरण: यह लेख विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश के आधार पर कम सोडियम वाले नमक (Low Sodium Salt Substitute - LSSS) के महत्व को उजागर करता है। इसमें बताया गया है कि अत्यधिक सोडियम का सेवन कैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। साथ ही, यह भी समझाया गया है कि कम सोडियम वाला नमक, जिसमें पोटैशियम की अधिक मात्रा होती है, किस प्रकार रक्तचाप को नियंत्रित करने, हृदय को स्वस्थ रखने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। इस लेख में कम सोडियम वाले नमक के फायदे, इसके उपयोग के तरीके और इससे होने वाले संभावित लाभों पर विस्तृत चर्चा की गई है। साथ ही, यह भी बताया गया है कि किन लोगों को इस नमक का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। लेख का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ खान-पान की ओर प्रेरित करना है। कम सोडियम वाला नमक: एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम परिचय आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खान-पान की आदतें और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे रही हैं। इ...