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Daily Current Affairs: 27 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...

चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध: टैरिफ बढ़ोतरी पर चीन का जवाबी वार

चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध की नई लहर — वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चेतावनी हाल ही में चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध एक बार फिर तेज़ हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा चीनी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के कदम का चीन ने तीखा जवाब दिया है — टैरिफ में बढ़ोतरी, निर्यात नियंत्रण, और अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ प्रतिरोधात्मक कार्रवाई के रूप में। यह टकराव केवल दो वैश्विक शक्तियों के बीच का आर्थिक संघर्ष नहीं है, बल्कि पूरी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी भी है। चीन का जवाब—कूटनीतिक संयम से व्यावसायिक आक्रामकता तक चीन ने अमेरिकी LNG, कोयला, और वाहनों पर टैरिफ लगाकर संकेत दिया है कि वह अपने घरेलू बाज़ार की रक्षा के लिए तैयार है। साथ ही, 'अविश्वसनीय इकाई' सूची और गूगल जैसी कंपनियों की जांच यह दर्शाती है कि चीन अब केवल जवाब देने की मुद्रा में नहीं, बल्कि अमेरिका के कॉर्पोरेट हितों पर सीधा वार करने की नीति पर काम कर रहा है। अमेरिका की रणनीति—चुनावी राजनीति या दीर्घकालिक नीति? यह भी ध्यान देने योग्य है कि यह टैरिफ नीति राष्ट्रपति चुनावों की पृष्ठभू...

India Imposes Anti-Dumping Duty on 4 Chinese Products

भारत ने 4 चीनी उत्पादों पर लगाया एंटी-डंपिंग शुल्क भारत सरकार ने हाल ही में चार चीनी उत्पादों, जिसमें एल्युमीनियम फॉयल, वैक्यूम फ्लास्क, सॉफ्ट फेराइट कोर्स और ट्राइक्लोरो आइसोसिनोरिक एसिड शामिल हैं, पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह निर्णय भारतीय बाजार में निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करने और घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने के उद्देश्य से लिया गया है। यह कदम विश्व व्यापार संगठन (WTO) के दिशानिर्देशों के अनुरूप है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के तहत वैध माना जाता है। एंटी-डंपिंग शुल्क क्या है और इसे क्यों लगाया गया? परिभाषा: एंटी-डंपिंग शुल्क एक प्रकार का आयात शुल्क (Import Duty) है, जिसे किसी देश द्वारा तब लगाया जाता है जब कोई विदेशी कंपनी अपने उत्पादों को उनकी वास्तविक उत्पादन लागत से कम कीमत पर बेचती है, जिसे "डंपिंग" कहा जाता है। इसका उद्देश्य घरेलू उद्योगों को सस्ते आयात से होने वाले नुकसान से बचाना है। शुल्क लगाने के कारण: 1. डंपिंग की पहचान: जांच में पाया गया कि चीन से आयातित वैक्यूम फ्लास्क और एल्यूमिनियम फॉयल भारतीय बाजार में उनकी उत्पादन लागत स...

Impact of the US Trade War on Global Markets and Its Effect on India

अमेरिकी व्यापार युद्ध का वैश्विक बाजारों पर प्रभाव और भारत पर इसके असर का विश्लेषण भूमिका अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (Trade War) पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। अमेरिका ने चीन के कई उत्पादों पर टैरिफ (शुल्क) बढ़ाए, जिससे चीन ने भी जवाबी कदम उठाए। इस संघर्ष ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता ला दी और व्यापार, निवेश और आर्थिक विकास को प्रभावित किया। इस लेख में, हम व्यापार युद्ध के वैश्विक प्रभाव और भारत पर इसके असर का विश्लेषण करेंगे। अमेरिका -चीन व्यापार युद्ध: पृष्ठभूमि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की शुरुआत 2018 में हुई जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर अनुचित व्यापारिक प्रथाओं, बौद्धिक संपदा की चोरी और अमेरिकी कंपनियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका ने चीन से आयात किए जाने वाले अरबों डॉलर के उत्पादों पर भारी टैरिफ लगा दिए। जवाब में, चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ाए। मुख्य घटनाएँ 1. 2018: अमेरिका ने चीन पर पहला टैरिफ लगाया, जिसका मूल्य 50 अरब डॉलर था। 2. 2019: व्यापार युद्ध तेज हुआ...

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