दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...
UPSC CSE 2024 Final Result – शक्ति दुबे की ऐतिहासिक जीत UPSC टॉपर बनीं शक्ति दुबे – मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की मिसाल प्रकाशित तिथि: 22 अप्रैल 2025 लेखक: Arvind Singh, Gynamic GK परिचय: भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2024 का अंतिम परिणाम घोषित हो चुका है। इस बार शक्ति दुबे ने पहला स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया है। उनकी सफलता न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि वह लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। शक्ति दुबे: एक साधारण पृष्ठभूमि से असाधारण सफलता तक शक्ति दुबे प्रयागराज की रहने वाली और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साइंस ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट होने के बावजूद मुख्य परीक्षा में राजनीतिक विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विषय ऑप्ट किया। इसके पीछे क्या कारण है इस पर हम बाद में चर्चा करेंगे। शक्ति दुबे का यह सफर आसान नहीं था। उन्होंने लगातार प्रयास, अनुशासन और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इस परीक्षा की तैयारी की। उनके अनुसार, “हर दिन थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ते रहना ही इस यात्रा की कुंजी है।” उनका लक्ष्य न सिर्फ परीक्षा पास करना थ...