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Daily Current Affairs: 27 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...

15 जनवरी भारतीय थल सेना दिवस

हर वर्ष 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सेना के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है, जो हमारे देश की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है। इस दिवस का ऐतिहासिक महत्व 15 जनवरी 1949 की उस घटना से जुड़ा है, जब फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ का पदभार ग्रहण किया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने भारतीय सेना को औपनिवेशिक नियंत्रण से पूर्ण स्वतंत्रता दिलाई और सेना की कमान भारतीय हाथों में सौंपी। भारतीय सेना की गौरवशाली भूमिका भारतीय सेना न केवल बाहरी खतरों से देश की रक्षा करती है, बल्कि आपदाओं और संकट की घड़ी में नागरिक सहायता भी प्रदान करती है। सेना की वीरता, अनुशासन और त्याग का उदाहरण विभिन्न युद्धों और शांति अभियानों में देखने को मिला है। थल सेना दिवस का आयोजन इस दिन देशभर में विशेष परेड और समारोह आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली के परेड ग्राउंड में सेना के जवान अपनी ताकत और आधुनिक उपकरणों का प्रदर्शन करते हैं। यह दिन न केवल सेना के जवानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए ग...

AI के उपयोग के साथ बढ़ते साइबर अपराध

 वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी आउटलुक-2025 रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के मुख्य बिंदु: 1. एआई-संचालित साइबर हमले: 47% संगठन मानते हैं कि एआई-संचालित हमले उनके लिए एक बड़ी चुनौती हैं। एआई का उपयोग फिशिंग, रैंसमवेयर और फेक न्यूज जैसी गतिविधियों को तेजी से बढ़ावा देने में हो रहा है। 2. साइबर अपराधियों की नई रणनीतियां: एआई-आधारित तकनीकों का दुरुपयोग करके साइबर अपराधी अधिक जटिल और प्रभावी हमले कर रहे हैं। फिशिंग (भ्रामक ईमेल/लिंक) और रैंसमवेयर (फाइलों को बंधक बनाकर फिरौती मांगना) के मामलों में एआई का उपयोग हो रहा है। फेक न्यूज और गलत सूचनाओं को फैलाने में भी एआई का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे समाज में भ्रम और अस्थिरता पैदा हो रही है। 3. साइबर सुरक्षा के लिए चिंताएं: एआई के बढ़ते उपयोग ने पारंपरिक साइबर सुरक्षा प्रणालियों को अप्रभावी बना दिया है। संगठनों को एआई आधारित सुरक्षा समाधानों को अपनाने की आवश्यकता है। समाधान की जरूरत: एआई आधारित साइबर सुरक्षा तकनीक: संगठनों को एआई-आधारि...

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