दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...
दैनिक समसामयिकी लेख विश्लेषण व संकलन: 25 अप्रैल 2025 1-💥 "हमने अमेरिका के लिए गंदा काम किया" — पाकिस्तान की चौंकाने वाली स्वीकारोक्ति! रक्षा मंत्री की सनसनीखेज स्वीकृति: आतंक संगठनों को दिया समर्थन, अमेरिका को ठहराया जिम्मेदार प्रस्तावना विश्व राजनीति में कुछ घटनाएँ न केवल तत्काल भू-राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करती हैं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीतिक विमर्शों को भी दिशा प्रदान करती हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का हालिया बयान भी इसी श्रेणी में आता है। उनका यह स्वीकार करना कि "हमने अमेरिका के लिए गंदा काम किया" —पाकिस्तान की दशकों पुरानी नीतियों और आतंकवाद से संबंधों की परतें उघाड़ देता है। यह लेख न केवल इस बयान की पृष्ठभूमि को स्पष्ट करेगा, बल्कि इसके रणनीतिक, कूटनीतिक, नैतिक और भारतीय दृष्टिकोणों से भी विश्लेषण करेगा। बयान की पृष्ठभूमि और मूल बात पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा: "हमने अमेरिका के लिए गंदा काम किया। आतंकियों को पाला-पोसा। अमेरिका ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ को हराने के लिए हमें इस...